Mangalnath,Ujjain
मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन के शोर-शराबे से दूर , क्षिप्रा नदी के विस्तार तट में स्थित है, जो पर्यटकों तथा भक्तो को एक अविस्मर्णीय भावना प्रदान करता है | यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहा कभी पृथ्वी का मध्यान कहा गया था | इसलिए यह स्थान ग्रहों की स्थति के अध्ययन के लिए प्रसिद्ध तथा उपुक्त माना गया है |
मंगलनाथ मंदिर, मध्य प्रदेश की दिव्य नगरी उज्जैन में स्थित है | मत्स्य पुराण के अनुसार मंगलनाथ परिसर को मंगल का जन्म स्थान माना गया है | प्रभु मंगल के इष्टदेव भगवान शिव है | यह परिसर अपने दैवीय गुणों के कारण अत्यंत प्रसिद्ध है |
महाकालेश्वर मंदिर में भगवान् गणेश, माता पार्वती तथा कार्तिकेय की मूर्ति, क्रमश पश्चिम, उत्तर तथा पूर्व दिशा की ओर मुख किये विद्धमान है | दक्षिण दिशा की ओर भगवान् शंकर के वाहक नंदी की प्रतिमा विराजमान है | तृतीय माले पर स्थित भगवन नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का दर्शन केवल नागपंचमी के दिन किया जा सकता है | मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है, तथा वातावरण अविस्मर्णीय है |
Mangal
प्रभु मंगल नवग्रह में से एक है. प्रभु मंगल अन्गारका और खुज नाम से भी प्रसिद्ध है | वैदिक पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मंगल और सर्व Vikesi (पृथ्वी देवी) का जन्म साथ होता है | मंगल ग्रह शक्ति, वीरता और साहस का परिचायक है तथा स्वामी मंगल के जीवन का उद्देश्य धर्म की सुरक्षा है |
भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वामी मंगल के चार हाथ है, और हथियार के रूप में त्रिशूल और गदा वहन करते है. वह लाल गहने पहनते है | भगवान मंगल की पूजा से त्वचा की बीमारियों, कर्ज और गरीबी से मुक्ति मिलती है | स्वामी मंगल का रत्न मूंगा है जो लाल होता है, और उसका दिन मंगलवार है तथा वह दक्षिण दिशा के संरक्षक है |
Mahakaal
About Ujjain
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन की आबादी और हलचल से दूर स्थित है और एक घुमावदार सड़क के माध्यम से पहुँचा जा सकता है. उज्जैन जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है.
मंगल (Mars), नौ ग्रहों में से एक ग्रह है. मंगल (Mars) अंगारक तथा कुज के नाम से भी जाना जाता है. वैदिक एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मंगल की माता पृथ्वी देवी है | वह शक्ति, वीरता और साहस के साथ जुड़ा हुआ है |
मंगलनाथ मंदिर कर्क रेखा पर स्थित है और इसे भारत वर्ष का नाभि स्थल भी कहा जाता है |