Bada Ganesh Mandir,Ujjain
गणेश जी का यह मंदिर महाकालेश्वर के निकट स्थित है | भगवान् गणेश का जन्म, माता पार्वती तथा प्रभु शिव के द्वारा हुआ | बड़ा गणेश का यह मंदिर अपने अद्वितीय शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है, यहाँ भगवान् गणेश की विशाल प्रतिमाए शुषोभित है | इस मंदिर के मध्य भाग में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति शुषोभित है | इस मंदिर में संस्कृत तथा ज्योतिष विज्ञान की दीक्षा दी जाती है |
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन की आबादी और हलचल से दूर स्थित है और एक घुमावदार सड़क के माध्यम से पहुँचा जा सकता है. उज्जैन जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है.
मंगल (Mars), नौ ग्रहों में से एक ग्रह है. मंगल (Mars) अंगारक तथा कुज के नाम से भी जाना जाता है. वैदिक एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मंगल की माता पृथ्वी देवी है | वह शक्ति, वीरता और साहस के साथ जुड़ा हुआ है |
मंगलनाथ मंदिर कर्क रेखा पर स्थित है और इसे भारत वर्ष का नाभि स्थल भी कहा जाता है |
About Ganesh
भगवान् गणेश अपने विस्मयकारी रूप के लिए प्रस्सिध है | हिन्दू धर्म में विश्वास है की किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान् गणेश की पूजा-अर्चना करने से कार्य सफल होता है तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है, अतः किसी भी शुभ कार्य जैसे गृहप्रवेश, विवाह आदि से पहले गणेश जी की पूजा की परंपरा है |
गणेशजी, गणपति, विग्नेश्वर, विनायक, गजानन , गजधिपति, लम्बकर्ण , लम्बोदर एकदंत, गजावदन, शूर्प-कर्ण तथा चतुर्भुज आदि नामो से प्रचलित है, तथा वे मूषक ( चूहा ) की सवारी करते है |
Mahakaal
Ganesh Aarti
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।
दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी । कामना को पूरी करो जग बलिहारी ।
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।